भारतीय शेयर बाजार 10 जुलाई 2025: गिरावट का दौर, निवेशकों के लिए क्या हैं संकेत?
भारतीय शेयर बाजार में 10 जुलाई 2025 को उतार-चढ़ाव का माहौल रहा। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन बाजार ने हल्की बढ़त के साथ शुरुआत की, लेकिन जल्द ही बिकवाली के दबाव में आकर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए। निवेशकों के लिए यह दिन चिंता का कारण रहा, क्योंकि बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। आइए जानते हैं आज के बाजार की प्रमुख बातें, टॉप गेनर्स-लूजर्स, और आगे के संकेत।
बाजार का हाल
सुबह बाजार में हल्की तेजी देखी गई थी। बीएसई सेंसेक्स 122 अंकों की बढ़त के साथ 83,658 पर खुला, वहीं निफ्टी ने 35 अंकों की बढ़त के साथ 25,511 के स्तर से कारोबार शुरू किया। लेकिन शुरुआती रौनक जल्द ही गायब हो गई और बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 345.80 अंक गिरकर 83,190.28 पर और निफ्टी 120.85 अंक टूटकर 25,355.25 पर बंद हुआ।
गिरावट के कारण
- इंडिया-यूएस ट्रेड डील में देरी:
विपणन विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों का संवेदनशीलता कमजोर हो गया है जिसकी मुख्य वजह भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की घोषणा में हो रही देरी, जून तिमाही के अर्निंग सीजन की शुरुआत और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता है। - अर्निंग सीजन की शुरुआत:
जून तिमाही के नतीजों की शुरुआत से पहले निवेशक सतर्क दिखे, जिससे बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ी। - अंतरराष्ट्रीय संकेत:
वॉल स्ट्रीट में हल्की तेजी के बावजूद, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्राजील समेत कई देशों पर नए टैरिफ की घोषणा से वैश्विक बाजारों में हलचल रही, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स के टॉप गेनर्स:
- मारुति
- टाटा स्टील
- बजाज फाइनेंस
टॉप लूजर्स:
- भारती एयरटेल
- एशियन पेंट
- इंफोसिस
- बीईएल
- एचसीएल टेक
निफ्टी में भी इसी तरह के ट्रेंड देखे गए, जहां टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस जैसे शेयर बढ़त में रहे, जबकि टाटा मोटर्स, इंफोसिस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा घाटे में रहे।
सेक्टोरियल प्रदर्शन
- बैंकिंग और फाइनेंस:
बजाज फाइनेंस और एक्सिस बैंक जैसे शेयरों में मजबूती रही। - आईटी और टेलीकॉम:
इंफोसिस, एचसीएल टेक और भारती एयरटेल जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। - मेटल्स:
टाटा स्टील ने अच्छा प्रदर्शन किया।
निवेशकों के लिए सलाह
बाजार में गिरावट के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी, लेकिन मजबूत कंपनियों के शेयरों में गिरावट को खरीदारी का मौका माना जा सकता है। हालांकि, ट्रेड डील और अर्निंग सीजन के नतीजों पर नजर रखना जरूरी है।
विदेशी बाजारों का असर
अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे। डॉऊ जोन्स 217.54 अंक, S&P 500 37.74 अंक और नैस्डैक 192.87 अंक ऊपर बंद हुए। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा नए टैरिफ की घोषणा से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी है।
आगे की रणनीति
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स:
वोलैटिलिटी को ध्यान में रखते हुए स्ट्रिक्ट स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करें। - लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स:
क्वालिटी स्टॉक्स में गिरावट पर धीरे-धीरे खरीदारी करें। - नए निवेशक:
जल्दबाजी में निवेश से बचें, बाजार की दिशा स्पष्ट होने तक वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. आज शेयर बाजार क्यों गिरा?
A1. बाजार में गिरावट का मुख्य कारण इंडिया-यूएस ट्रेड डील में देरी, जून तिमाही के अर्निंग सीजन की शुरुआत और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता है।
Q2. कौन से शेयर आज टॉप गेनर और लूजर रहे?
A2. टॉप गेनर्स में मारुति, टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस शामिल रहे, जबकि टॉप लूजर्स में भारती एयरटेल, एशियन पेंट, इंफोसिस और बीईएल रहे।
Q3. आगे बाजार की क्या रणनीति होनी चाहिए?
A3. शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को मजबूत कंपनियों में गिरावट पर धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए।
Q4. विदेशी बाजारों का भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ा?
A4. अमेरिकी बाजारों में मजबूती के बावजूद, नए टैरिफ की घोषणा से वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ी, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी दिखा।
Q5. क्या अभी निवेश करना सही है?
A5. विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में गिरावट के समय क्वालिटी स्टॉक्स में धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर है, लेकिन जल्दबाजी से बचें और बाजार की दिशा पर नजर रखें।
नोट:
यह लेख केवल जानकारी के लिए है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।